रिजर्व बैंक ने इस बार मौद्रिक नीति समिति की बैठक (RBI MPC Meeting) में भले ही रेपो रेट में कम वृद्धि कर कर्ज पर राहत का संकेत दिया है, लेकिन महंगाई डायन का मुंह अगले एक साल तक बंद होने वाला नहीं है. आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी बैठक के बाद कहा, फिलहाल महंगाई पर काबू पाना संभव नहीं है और अगले 12 महीने तक खुदरा महंगाई की दर 4 फीसदी के ऊपर ही बनी रहेगी. केंद्रीय बैंक ने कहा कि खाद्य महंगाई दर भले ही नीचे आ रही है, लेकिन बुनियादी उत्पादों की महंगाई दर अभी चिंता का विषय बनी हुई है. सीमेंट, कोयला, बिजली, जैसे बुनियादी उत्पादों की महंगाई दर ज्यादा होने से ओवरऑल दबाव कम नहीं हो रहा है. यही कारण है कि खुदरा महंगाई दर में हालिया गिरावट के बावजूद चालू वित्तवर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 6.7 फीसदी पर बरकरार रखा है. 12 महीने तक राहत की उम्मीद नहीं बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने साफ कहा कि खुदरा महंगाई से फिलहाल 12 महीने तक खास राहत की उम्मीद नहीं है. चालू वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान 6.6 फीसदी बताया है तो चौथी तिमाही में इसके 5.9 फीसदी रहने का आसार है. इससे पहले आरबी...